वास्तु अनुसार फैक्ट्री में तैयार माल कहाँ रखें ?
चाहे किसी भी चीज का फैक्ट्री में निर्माण होता हो वहां तैयार सामान (finished goods) को हमेसा वायव्य कोण ( north weast) में रखना चाहिए। यह दिशा वायु प्रधान होने से वहां रखे तैयार सामान को जल्दी से जल्दी बिकने में सहायता करेगी अर्थात उस सामान का आर्डर डिस्ट्रीब्यूटर की तरफ से जल्दी आयेगा। वायव्य कोण चन्द्रमा की दिशा है और चंद्रमा का स्वभाव चंचलता भरा होता है उसकी इसी चंचलता के फल स्वरूप तैयार माल वहां टिककर रहता नहीं बल्कि वायु के वेग से अपने सही स्थान (मार्किट और ग्राहक) तक पहुंच जाता है, और नए आर्डर का श्रोत निरंतर खुला रहता है। अगर गलती से भी तैयार माल नैरित्य कोण अर्थात पृथ्वी दिशा में रखा गया है तो वह स्टेबल जोंन में आ जायेगा जिससे उसका आर्डर बिलकुल न के बराबर ही रहेगा, तथा मिला हुआ आर्डर भी बार-बार कैंसिल होने की सम्भावना बनेगी अतः फैक्ट्री मालिक को फैक्ट्री का निर्माण करते समय अवश्य ध्यान रखना चाहिए।
अगर पहले से ही फैक्ट्री स्थापित है जिसमे इस तरह की अथवा अन्य अनचाही अड़चने आ रही हैं तो मित्रों मैं आप का अपना /वास्तु सलाहकार/ पं. उदयप्रकाश शर्मा आप से इतना ही कहना चाहूंगा कि अपने किस्मत को कोसने के बजाय हमे यह समझना चाहिए कि इस युग में मृत्यु को छोड़कर हर समस्या का समाधान होता है, बात है जागरूकता की। मैंने अपने वर्षों के अनुभव में छोटे बड़े कई उद्योगों का सफलता पूर्वक उपचार किया है जिससे बड़े अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं।
आज विज्ञान का युग हैं। आज आधुनिक रूप से आधुनिक यंत्रो द्वारा सटीक रूप से Positive - Negative ऊर्जाओं का सोधन कर पाना संभव हुआ है अगर संबंधित स्थान पे नकारात्मक ऊर्जा है अथवा ऊर्जा का अभाव है अर्थात वहां शून्य ऊर्जा है तो वहां प्राण ऊर्जा का सामंजस्य स्थापित करने हेतु धरती के चुम्बकीय क्षेत्र उत्तरी ध्रुव- दक्षिणी ध्रुव व अंतरिक्ष की शुभ ऊर्जाओं को आकर्षित करना पड़ता है जिसके लिए आवस्यकता अनुसार वैज्ञानिक यंत्र, पिरामिड, ऊर्जा प्लेट, क्रिस्टल एवं रत्न-उपरत्नों के कोणीय प्रभाव, तथा धातुवों से बनी विभिन्न कोणीय आकृतियों का प्रयोग करना होता है। कोई नकारात्मक दोष वहां पर है तो पूजा-हवन भी करवाना पड़ता है I अतः आप के औद्योगिक परिसर में फैक्ट्री-कारखाने में कोई वास्तु दोष हो तो निःसंकोच आप को किसी कुशल वास्तुशास्त्री से संपर्क कर उनसे परामर्श लेना चाहिए और संबंधित स्थान का पूरे वैज्ञानिक विधि से जांच करवानी चाहिए मित्रों अगर वहां ऐसा कुछ भी हो जिससे अनचाही पीड़ा और उद्योग में असफलता मिल रही हो तो अपने इष्टदेव को प्रणाम कर उनसे आज्ञा ले उस समस्या का उचित उपाय करवाना चाहिए। और अपने औद्योगिक विकाश को गति देनी चाहिए।
आज विज्ञान का युग हैं। आज आधुनिक रूप से आधुनिक यंत्रो द्वारा सटीक रूप से Positive - Negative ऊर्जाओं का सोधन कर पाना संभव हुआ है अगर संबंधित स्थान पे नकारात्मक ऊर्जा है अथवा ऊर्जा का अभाव है अर्थात वहां शून्य ऊर्जा है तो वहां प्राण ऊर्जा का सामंजस्य स्थापित करने हेतु धरती के चुम्बकीय क्षेत्र उत्तरी ध्रुव- दक्षिणी ध्रुव व अंतरिक्ष की शुभ ऊर्जाओं को आकर्षित करना पड़ता है जिसके लिए आवस्यकता अनुसार वैज्ञानिक यंत्र, पिरामिड, ऊर्जा प्लेट, क्रिस्टल एवं रत्न-उपरत्नों के कोणीय प्रभाव, तथा धातुवों से बनी विभिन्न कोणीय आकृतियों का प्रयोग करना होता है। कोई नकारात्मक दोष वहां पर है तो पूजा-हवन भी करवाना पड़ता है I अतः आप के औद्योगिक परिसर में फैक्ट्री-कारखाने में कोई वास्तु दोष हो तो निःसंकोच आप को किसी कुशल वास्तुशास्त्री से संपर्क कर उनसे परामर्श लेना चाहिए और संबंधित स्थान का पूरे वैज्ञानिक विधि से जांच करवानी चाहिए मित्रों अगर वहां ऐसा कुछ भी हो जिससे अनचाही पीड़ा और उद्योग में असफलता मिल रही हो तो अपने इष्टदेव को प्रणाम कर उनसे आज्ञा ले उस समस्या का उचित उपाय करवाना चाहिए। और अपने औद्योगिक विकाश को गति देनी चाहिए।
।। इति शुभम् ।।
some of you popular article
वास्तुपुरुष मंडल
कम्पास से घर की सही दिशा कैसे जाने
फैक्ट्री निर्माण के वास्तु सूत्र
जिओपैथिक स्ट्रेस
वास्तुशास्त्र अनुसार दिशा का ज्ञान
अरोमा वास्तु एवं सुगंध चिकित्सा
घर का वास्तु और हमारे पारिवारिक रिश्ते
वास्तु के अनुसार पढाई का कमरा
घर में नेगेटिव एनर्जी
फैक्ट्री वास्तु
Emf घर में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएसन से नुकसान
उद्योग व्यापर में वास्तु दोष
वास्तु के अनुसार किस City में रहने से होगा लाभ
कुंडली से वास्तु दोष निवारण
कुंडली के अनुसार घर लेने का योग
किस दिशा में ग्रह बलवान होते हैं
कुंडली मिलान
मंगल दोष प्रभाव व परिहार
कुंडली में शिक्षा के योग
कुंडली में संतान योग
नवग्रह मन्त्र एवं उपाय
आभामंडल क्या है ?
रुद्राक्ष पहनने के फायदे
कौन सा रुद्राक्ष धारण करें
कुंडली अनुसार रत्न धारण
अंक ज्योतिष एवं अंक फल
वृषभ राशी और जीवन का फल
जन्म दिन और स्वभाव
मेष राशी और जीवन का फल
कालसर्प योग के प्रकार
कालसर्प योग के उपाय
नवरात्रि में ज्योतिष उपाय
रत्न विज्ञान ज्योतिष
मेष लग्न के लिए लाभकारी रत्न
कुंडली से आयु का विचार
शनि ग्रह का कुंडली के 12 भावों में फल
महादशा एवं अन्तर्दशा के फल
युग तथा वैदिक धर्म
मूलाधार चक्र एक परिचय
स्वाधिष्ठान चक्र एक परिचय
मणिपुर चक्र एक परिचय
अनाहत चक्र एक परिचय
विशुद्धि चक्र एक परिचय
अजना चक्र एक परिचय
सहस्त्रार चक्र एक परिचय
कम्पास से घर की सही दिशा कैसे जाने
फैक्ट्री निर्माण के वास्तु सूत्र
जिओपैथिक स्ट्रेस
वास्तुशास्त्र अनुसार दिशा का ज्ञान
अरोमा वास्तु एवं सुगंध चिकित्सा
घर का वास्तु और हमारे पारिवारिक रिश्ते
वास्तु के अनुसार पढाई का कमरा
घर में नेगेटिव एनर्जी
फैक्ट्री वास्तु
Emf घर में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएसन से नुकसान
उद्योग व्यापर में वास्तु दोष
वास्तु के अनुसार किस City में रहने से होगा लाभ
कुंडली से वास्तु दोष निवारण
कुंडली के अनुसार घर लेने का योग
किस दिशा में ग्रह बलवान होते हैं
कुंडली मिलान
मंगल दोष प्रभाव व परिहार
कुंडली में शिक्षा के योग
कुंडली में संतान योग
नवग्रह मन्त्र एवं उपाय
आभामंडल क्या है ?
रुद्राक्ष पहनने के फायदे
कौन सा रुद्राक्ष धारण करें
कुंडली अनुसार रत्न धारण
अंक ज्योतिष एवं अंक फल
वृषभ राशी और जीवन का फल
जन्म दिन और स्वभाव
मेष राशी और जीवन का फल
कालसर्प योग के प्रकार
कालसर्प योग के उपाय
नवरात्रि में ज्योतिष उपाय
रत्न विज्ञान ज्योतिष
मेष लग्न के लिए लाभकारी रत्न
कुंडली से आयु का विचार
शनि ग्रह का कुंडली के 12 भावों में फल
महादशा एवं अन्तर्दशा के फल
युग तथा वैदिक धर्म
मूलाधार चक्र एक परिचय
स्वाधिष्ठान चक्र एक परिचय
मणिपुर चक्र एक परिचय
अनाहत चक्र एक परिचय
विशुद्धि चक्र एक परिचय
अजना चक्र एक परिचय
सहस्त्रार चक्र एक परिचय
सूर्य ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
चन्द्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
मंगल ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
बुध ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
वृहस्पति ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शुक्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शनि ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
राहु ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
केतु ग्रह के संपूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
चन्द्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
मंगल ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
बुध ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
वृहस्पति ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शुक्र ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
शनि ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
राहु ग्रह के सम्पूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
केतु ग्रह के संपूर्ण मन्त्र एवं अचूक उपाय
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें